Wednesday, October 23rd, 2024

सूर्य को अर्घ्य देने के फायदे: जानें स्वास्थ्य और समृद्धि के लिए इसके लाभ

सूर्य को पृथ्वी पर साक्षात देवता माना गया है, जो जीवन के लिए आवश्यक ऊर्जा के साथ ही बल, पराक्रम, यश, उत्साह एवं नेतृत्व क्षमता प्रदान करता है। जो कि आपके लिए धन प्राप्ति के रास्ते भी खोलता है। कुंडली में सूर्य के मजबूत होने पर व्‍यक्ति समाज में मान सम्‍मान प्राप्‍त करता है। सूर्य से आशीर्वाद पाने के लिए उन्हें प्रतिदिन जल चढ़ाकर अर्घ्‍य दिया जाता है। आज हम आपको बता रहे हैं सूर्य को जल कैसे चढ़ाएं और सूर्य को रोजाना अर्घ्‍य देने के क्‍या हैं लाभ।

सूर्य को अर्घ्य देने की संपूर्ण विधि :

1. सर्वप्रथम प्रात:काल सूर्योदय से पूर्व शुद्ध होकर स्नान करें।

2. तत्पश्चात उदित होते सूर्य के समक्ष कुश का आसन लगाएं।

3. आसन पर खड़े होकर तांबे के पात्र में पवित्र जल लें।

4. उसी जल मिसरी मिलाएं और साथ ही लाल चंदन और लाल फूल डालें। कहा जाता है कि सूर्य को मीठा जल चढ़ाने से जन्मकुंडली के दूषित मंगल का उपचार होता है।

5. जैसे ही पूर्व दिशा में सूर्यागमन से पहले नारंगी किरणें प्रस्फुटित होती दिखाई दे, आप दोनों हाथ से तांबे के पात्र को पकड़कर इस तरह जल चढ़ाएं कि सूर्य जल चढ़ाती धार से दिखाई दें।

6. प्रात:काल का सूर्य कोमल होता है उसे सीधे देखने से आंखों की ज्योति बढ़ती है।

7. सूर्य को जल इस तरह से चढ़ाएं कि जलधारा आसन पर आ गिरे ना कि जमीन पर।

8. जमीन पर जलधारा गिरने से जल में समाहित सूर्य-ऊर्जा धरती में चली जाएगी और सूर्य अर्घ्य का संपूर्ण लाभ आप नहीं पा सकेंगे।

9. अर्घ्य देते समय निम्न मंत्र का 3 बार पाठ करें -

'ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजोराशे जगत्पते।
अनुकंपये माम भक्त्या गृहणार्घ्यं दिवाकर:।।'
'ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय, सहस्त्रकिरणाय।
मनोवांछित फलं देहि देहि स्वाहा: ।।'

10. तत्पश्चात सीधे हाथ की अंजूरी में जल लेकर अपने चारों ओर छिड़कें।

11. अपने स्थान पर ही तीन बार घूमकर परिक्रमा करें।

12. उसके बाद आसन उठाकर उस स्थान को नमन करें।

सूर्य को अर्घ्‍य चढ़ाने के लाभ ज्‍योतिष में सूर्य को अर्घ्‍य देने के खास लाभ बताए गए हैं। माना जाता है कि सूर्य को रोजाना अर्घ्‍य देने से आपके सम्‍मान में वृद्धि होती है और यश की प्राप्ति होती है। जिन कन्‍याओं के विवाह में देर हो रही है वे रोजाना सूर्य को अर्घ्‍य दें तो उनके जीवन में शीघ्र ही विवाह के योग बनने लगते हैं। सूर्य को आरोग्‍य, आत्‍मा और पिता का भी कारक माना जाता है। इसलिए सूर्य को रोजाना अर्घ्‍य देने से कुंडली में सूर्य की स्थिति मजबूत होती है और स्‍वास्‍थ्‍य बेहतर होता है। साथ ही पिता के साथ आपके रिश्‍ते मजबूत होते हैं।

Source : Agency

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