Noble Peace Prize List: नमस्कार दोस्तो आपको बताते चले कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का नाम साल 2021 के नोबल पीस प्राइज़ (Trump Nobel Peace Prize) के लिए नॉमिनेट किया गया है। ट्रंप को इज़रायल और संयुक्त अरब अमीरात के बीच शांति समझौते में योगदान देने के लिए नामित किया गया है।
Nobel Peace Prize List
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का नाम साल 2021 के नोबल पीस प्राइज़ (Trump Nobel Peace Prize) के लिए नॉमिनेट किया गया है। ट्रंप को इज़रायल और संयुक्त अरब अमीरात के बीच शांति समझौते में योगदान देने के लिए नामित किया गया है।
उनका नाम नॉर्वे के राइटविंग यानी दक्षिणपंथी सांसद Tybring-Gjedde ने नामित किया है। यह सांसद नॉर्वे में अपने एंटी-इमिग्रेशन यानी प्रवासी-विरोधी रुख के चलते जाने जाते हैं। वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का पूरा कार्यकाल ही प्रवासियों को लेकर विवादों से भरा हुआ है।
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किन शर्तो पर खरे उतरे ट्रम्प
Mirror के मुताबिक, दक्षिणपंथी सांसद Tybring-Gjedde ने कहा कि ट्रंप इस सम्मान के लिए जरूरी तीन शर्तों पर खरे उतरते हैं। पहला- दुनियाभर के देशों के बीच सहयोग को बढ़ाना, जो उन्होंने नेगोसिएशन के जरिए बखूबी निभाया है।
दूसरा, सेना की तादाद कम करना- उन्होंने मिडिल ईस्ट में अमेरिकी जवानों की संख्या घटाई है। तीसरा, पीस कांग्रेस को बढ़ावा देना. उन्होंने कहा कि ट्रंप ने शांति समझौते में जबरदस्त योगदान दिया है।ओर ओर इसी के चलते डोनाल्ड ट्रंप को वर्ष 2021 को Nobel Peace Prize के लिए नॉमिनेट किया गया है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की अहम भुमिका
आपको बतादे कि, Tybring-Gjedde ने Fox News के साथ एक इंटरव्यू में कहा कि ‘डोनाल्ड ट्रंप ने देशों के बीच शांति स्थापित करने में दूसरे पीस प्राइज़ नॉमिनीज़ से ज्यादा ओर अच्छा योगदान दिया है। उन्होंने नोबल समिति को ट्रंप की वकालत करते हुए जो नॉमिनेशन लेटर भेजा है, उसमें कहा है कि ‘ट्रंप प्रशासन ने इज़रायल और UAE के बीच में शांति समझौता कराने में अहम भूमिका निभाई है और जैसाकि उम्मीद है। मिडिल ईस्ट में दूसरे देश भी इस दिशा में आगे कदम बढ़ाएंगे, जिससे कि मिडिल ईस्ट सहयोग और समृद्धि वाली जगह बनने की दिशा में आगे बढ़ सकेगा।

Tybring-Gjedde ने Fox News से कहा कि वो कोई बहुत बड़े ‘ट्रंप समर्थक’ नहीं हैं लेकिन ट्रंप ने कई आपस में संघर्षरत राष्ट्रों के बीच में शांति स्थापित करवाने में अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने इसके लिए भारत-पाकिस्तान के बीच कश्मीर विवाद और उत्तरी और दक्षिणी कोरिया का नाम लिया।
बता दें कि जहां तक कश्मीर विवाद पर ट्रंप का अभी तक कोई दखल नहीं रहा है। हां कई मौकों पर वो दोनों देशों के बीच अपनी ओर से मध्यस्थता करने की पेशकश कर चुके हैं, लेकिन भारत ने हमेशा इसे खारिज कर दिया है और कहा है कि वो अपने आंतरिक मामलों को सुलझाने में सक्षम है और बाहरी दखल नहीं चाहता है।