गोपाल कृष्ण गोशाला ख़ुटपला में रुद्रयज्ञ का महाआयोजन अगस्त माह से आरम्भ

सादर जय श्री कृष्ण– मध्यप्रदेश कि समस्त जनता को धार जिले के गांव ख़ुटपला कि गोपाल कृष्ण गोशाला से रुद्रयज्ञ (RudraYaghya In Goshala Khutpala) का स्नेह भरा निमंत्रण- भाइयो और बहनो आपको बतादे कि धार जिले में ग्राम खुटपला की गोपाल कृष्ण गोशाला में अप्रेल – मई मे होने वाले रुद्रयज्ञ को कोरोना कि स्तिथि को देखते हुए कुछ समय के लिए स्थगित कर दिया गया था, किंतु अब वह समय समाप्त हुआ ओर आगामी अगस्त माह से श्री शिव परिवार प्राण प्रतिष्ठा एव् पंच कुण्डात्मक महोत्सव का आयोजन किया जाना तय हुआ है। जिसमे मध्यप्रदेश कि समस्त जनता को धार जिले के गांव ख़ुटपला कि गोपाल कृष्ण गोशाला से स्नेह भरा निमंत्रण जहा आपकी उपस्तिथी सादर वंदनिय रहेगी।

आपको बतादे कि गोपाल कृष्ण गोशाला खुटपला के इस दिव्य धाम मे यह रुद्रयज्ञ दिनांक 16-08-2021 सोमवार से 20-08-2021 शुक्रवार तक आयोजित किया जएगा। जिसमे प्रत्येक दिन भगवान स्थापना मे निम्न शुभ कार्य सिद्ध होंगे।

प्रथम दिवस: प्रयश्चिक कर्म, पंचाग कर्म, मण्ड्प प्रवेश, अब्नि स्थापना

द्वितिय दिवस: देव स्थापना, हवनारम्भ, धन्यादि वास, जलाधिवास

तृतिय दिवस: स्थापित देव पुजन, हवन, फक पुष्पाधि अन्य वास

चतुर्थ दिवस: स्थापित देव पुजन हवन, महास्नान, मुर्तियो का भ्रमण शयन

पंचम दिवस: स्थापित देव पुजन, शिवपंचायतन प्रतिष्ठा पूर्णाहुति

आपकी जानकारी के लिए बतादे कि, इस कार्य के बीच प्रत्येक दिन सिद्ध एव्म महान मंत्रो का जाप रात्री के समय में किया जएगा। प्रकृति के बिच बसि इस गोशाला के इस दिव्य धाम के दर्शनार्थीयो का ताता लगा रहता है और दुर- दुर के लोग यहाँ कि प्राकृतिक सुंदरता को अपने में समाहित करते है।

रुद्रयज्ञ क्या है, लाभ और महिमा

भारतिय परम्परा के अनुसार भारत मे यज्ञ का फल कई तिर्थो के दर्शन से भी ज्यादा बताया गया है और यहा तो रुद्रयज्ञ (RudraYaghya In Goshala Khutpala) होने जा रहा है यज्ञ हिन्दू धर्म में किया जाने वाला एक धार्मिक अनुष्ठान है। यह स्मार्त यज्ञों में से एक है। जिसका महत्व आम तौर पर लोगो को पता नही होता है| विवाह के अनन्तर विधिपूर्वक अग्नि का स्थापन करके जिस अग्नि में प्रातः सायं नित्य हवनादि कृत्य किये जाते हैं, उसे स्मार्ताग्नि कहते हैं।  रुद्र यज्ञ 5,7 या फिर 9 दिन में होता है। रुद्र यज्ञ में 16 अथवा 21 विद्वान ब्राम्हण होते हैं। और रुद्रयाग में हवन सामग्री 11 मन अर्थात 4 क्विंटल 40 किलो हवन सामग्री से यह यज्ञ सफल होता है।

यज्ञ का धार्मिक महत्व तो है ही इसके पीछे पर्यावरण और विज्ञान संबंधी कारण भी छिपे हैं। प्राचीनकाल में राजा कई प्रकार के यज्ञ करवाया करते थे, बारिश के लिए, राज्यवृदिध के लिए और विश्वविजयी कामना से। कई कथाओं में पुत्रप्राप्ति के लिए भी यज्ञ का विधान बताया गया है। होली जैसे त्योहार की शुरुआत भी यज्ञ से ही हुई थी। जिससे पर्यावरण के कई प्रकार के बुरी शक्तियो का नाश और वाइरस का अ‍न्त होता है।

क्या है गोशाला कि खास बात

आपको बतादे कि किसी कि वस्तु के खास होने मे उसकी कई सारी खुबिया होती इसी प्रकार मध्यप्रदेश के धार जिले के एक छोटे से गांव ख़ुटपला मे प्राकृतिक सौंदर्य के बिच लाखो प्राचिन काल के वृक्ष से एव्म हरियाली से सुसज्जित इस गोपाल कृष्ण गोशाला कि अपनी अलग कि मनोहर पहचान है।

 Nature of bueaty at khutpala goshala

इस गोशाला के लिए जितना बताया जाए बहुत कि कम लगता है। यहा पर 600 से ज्यादा हष्ट- पुष्ट और स्वस्थ धेनु (गोमाए) है जिसमे से 100 से ज्यादा दुधारु गाये है सभी गाये देशी नस्ल (प्रजाती) कि गाय है । और इस गांव कि खास बात है कि यहा कि सभी गाये कृष्ण काल के सयम कि तरह जंगल मे चरने जाती है और ग्वालो कि एक ही आवाज पर सभी गायो का एक जगह आ जाना मन मे अति प्रफुल्लित करता है।

यहाँ कि हर एक वस्तु जनता के लिए आकर्षण का केंद्र बिंदु रहता है। यहा कि प्राकृतिक सुंदरता (natural beauty) हो या चाहे आधुनिकता के इस युग मे प्राचिनता कि कला को कितने ढंग से उकेरा है वो सभी आपके चित पटल पर हमेशा के लिए अंकित हो जाएगा। और सबसे अच्छी बात तो यह है कि यहा आकर जो मानसिक शांति कि अनुभुती होती है उसे आप आपने सम्पुर्ण जीवन कि कमाई से भी नही खरिद पाएंगे। और गोशाला मे वातावरण कितना साफ और सुंदर होता है। आप भली प्रकार से जानते भी है क्योकी गोमाता हि पृथ्वी पर एक ऐसा जिव है जो हर समय ऑक्सिजन ग्रहन करती है ओर ऑक्सिजन हि छोडती है। 

 गोशाला कि कठिनाई भरी स्थापना से आज तक का सफर  

आपको जानकारी देदे कि इस गौशाला का निर्माण सन् 1994 में श्री मालव संत पंडित कमल किशोर जी नागर कि प्रेरणा से एक छोटी सी जगह मे बडी हि कठिनायो के साथ शुरू होकर आज वर्तमान में विशाल गौशाला के रुप मे विख्यात है। सेकडो वृक्षो के बीच गोमाता इस प्रकार से रम्भाती है जैसे साक्षात मुरलीधर कि बांसुरी पर वृन्दावन कि गाय अपने प्रिय कान्हा कि कई दिनो से राह निहार रही हो, विशाल बडे-बडे गोशेड, विशाल भूसा गोदाम एव् प्राकृतिक वातावरण से अच्छादित यह गोशाला एक गोतिर्थ के रूम में विकशीत हो रही है।

खुटपला गौशाला में गौशेड, कुण्ड के अनावरण के साथ इस तरह संपन्न गुरुपुर्णिमा का भव्य आयोजन

इस गोशाला कि और से 4 गोग्रास रथ रोटी एकतत्रीत करने के लिए चलते है। जिनमे करीब 6-7 क्विंटल रोटी रोजाना गायो को खिलाई जाती है| इस गोशाला मे विशाल शिवालई का निर्माण किया गया है एव् 2 विशाल कुण्ड का निर्माण होकर गिरिराज धरण का कार्य भी पुर्ण हो चुका है। आने वाले 4-5 माह में गौशाला को एव् बडे तिर्थ स्थल के रूप में विकसीत किया जाएगा। यहा सेकडो गोवंश का भरण-पोषण हो रहा है।

यदी आप भी इस खुटपल गौशाला मे गाय को गोद लेने जैसा उत्तम कार्य करना चाहते है तो कर सकते है जिसमे एक गाय को गोद लेने कि सालाना राशी 7000/ एव् 5 गायो को गोद लेने कि सालाना राशी 30000/ रुपये है। 11 गायो को गोद लेने कि सालाना राशी 50000/ रुपये है। गाय को गोद लेने वाले इच्छुक इस नम्बर पर सम्पर्क कर सकते है 7054402026 या इस बैंक खाता नम्बर 20201239361 जिसका IFSC code MAHB000069 Bank of Maharashtra शाखा बरमंडल पर आप सिधे राशी जमा करवा सकते हो।

खुटपला गोशाला मे इस रुद्रयज्ञ(RudraYaghya In Goshala Khutpala) का लाभ लेने के लिए आधिक से अधिक तादात मे पधारकर धर्म का लाभ लेवे!

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