निर्भया केस: फांसी के नजदीक पहुंचा विनय शर्मा राष्ट्रपति ने रद्द की दया याचिका

नमस्कार दोस्तों खबरों के अनुसार आपको बता दे की निर्भया केस (Nirbhaya case) के चारो गुनहगार में से विनय शर्मा (vinay sharma) की दया याचिका राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने रद्द कर दी है| चारी दोषियों में से यह दूसरी दया याचिका है| इससे पहले मुकेश नाम के शख्स की दया याचिका राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने खरीज कर दी है| इससे पहले शुक्रवार को दोषियों को 1 फरवरी को मिलने वाली फांसी एक बार फिर टल गई है| पटियाला हाउस कोर्ट ने अगले आदेश तक फांसी को टाल दिया है|

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दोषी विनय के साथ उत्पीड़न

खबरों के मुताबिक माने तो उन चार दोषियों में से एक दोषी विनय ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को दी गई अपनी अर्जी में कहा था कि जेल में रहने के दौरान उसका मानसिक उत्पीड़न किया गया है| विनय शर्मा ने राष्ट्रपति से गुजारिश की थी कि वो जो भी समय उचित हो वो बता दें, ताकि उसके वकील एपी सिंह उसका पक्ष मौखिक तौर पर राष्ट्रपति के समक्ष रख सकें|

विनय की मां और पिताजी से मुलाकात

आपको बता दे की दोषी विनय शर्मा ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के समक्ष अपनी दायर अपनी दया याचिका में अपनी मां और पिताजी से मुलाकात का जिक्र करते हुए कहा था कि, वह जीना नहीं चाहता था, लेकिन जब उससे उनके मां-बाप मिलने आए और उन्होंने कहा कि बेटा तुमको देखकर हम जिंदा हैं| तब विनय शर्मा ने कहा, उसके बाद से मैंने मरने का खयाल छोड़ दिया है| विनय ने दया याचिका में कहा कि मेरे पिताजी और मां ने कहा कि तू हमारे लिए जिंदा रह|

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आपको बताते चले की सुप्रीम कोर्ट के फैसले के हिसाब से दया याचिका रद्द होने के बाद दोषी को 14 दिनों का वक्त दिया जाता है| 1 फरवरी से पहले निर्भया के दोषियों को 22 जनवरी को फांसी दी जानी थी जो बदल दी गई थी| दिल्ली जेल नियमों के अनुसार एक ही अपराध के चारों दोषियों में से किसी को भी तब तक फांसी पर नहीं लटकाया जा सकता जब तक कि अंतिम दोषी दया याचिका सहित सभी कानूनी विकल्प नहीं आजमा लेता|  

इस मामले मुकेश की दया याचिका राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद 17 जनवरी को ही खारिज कर चुके हैं। दोषी विनय शर्मा ने बुधवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के पास दया याचिका भेजी थी। इसकी जानकारी खुद दोषी विनय शर्मा  के वकील एपी सिंह (SP SINGH) ने दी थी।

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कब और कोन है दोषी

मिली जानकारी के अनुसार यह केस देश की राजधानी दिल्ली की है, दिल्ली में 16 दिसंबर, 2012 की रात पैरामेडिकल छात्र से चलती बस में सामूहिक दुष्कर्म हुआ था जिसमें छात्र से इस कदर दरिंदगी हुई थी कि बाद में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी। इस सामूहिक दुष्कर्म में मुकेश, विनय, अक्षय और पवन यह चार शख्स शामिल है जिन्हें कोर्ट ने फांशी की सजा सुना दी है|

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