Hathras Case CBI: नमस्कार दोस्तो आपको बतादे कि हाथरस में हुए कथित गैंगरेप पर बढ़ रहे विवाद के बीच उत्तर प्रदेश योगी सरकार ने इस घटना की सीबीआई जांच के आदेश दिए है।
आज ही परिजनों से मिलने आए उत्तर प्रदेश के अतिरिक्त सचिव अवनीश अवस्थी और डीजीपी एचसी अवस्थी ने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि परिजनों ने न्याय दिलाने की मांग की है और सरकार निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करेगी।
यह दिल्ली से करीब 160 किलोमीटर दूर उत्तर प्रदेश के हाथरस के चंदपा थानाक्षेत्र के इस गांव में 14 सितंबर को एक दलित युवती के साथ कथित तौर पर ठाकुर जाति के चार लोगों ने बलात्कार किया था।
थाने मे दी गई अपनी पहली एफ़आईआर में परिवार की ओर से बलात्कार के आरोप नहीं लगाए गए थे।बाद में अस्पताल में दिए गए पीड़िता के बयान के आधार पर गैंगरेप का मुकदमा दर्ज करके चारों अभियुक्तों को जेल भेज दिया गया था।
मृतका का परिवार अभियुक्तों को जल्द से जल्द फांसी देने की मांग कर रहा है।
युवती के परिजन से राहुल-प्रियंका ने की मुलाकात
हाथरस में कथित गैंगरेप का शिकार हुई दलित युवती के परिवार से आज प्रियंका गांधी और राहुल गांधी ने मुलाकात की है ओर उन्होंने बंद कमरे में परिजनों से बात की। बाहर मीडिया की भारी भीड़ थी। प्रियंका गांधी पीड़िता की मां के गले लगीं।
उन्होंने फेसबुक पर लाइव वीडियो शेयर भी किया है। इस दौरान पीड़िता के घर पत्रकारों की भारी भीड़ रही। मीडिया के कैमरे उनकी एक झलक हासिल करने की कोशिशें करते रहे।
मिली खबर के अनुसार पीड़िता के परिजनों ने प्रियंका गांधी को बताया कि सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराए जाते समय युवती कि हालत ठीक थी। उन्होंने बिना चेहरा दिखाए अंतिम संस्कार किए जाने की पीड़ा भी जाहिर की है।
पीड़िता की मां ने कहा, मेरी बेटी को न्याय दिलाओ। एक और महिला ने उनसे कहा, जब वो अस्पताल में थी, तब ठीक थी। वेंटिलेटर पर थीं तो कोई डॉक्टर वहां नहीं था। उसका शरीर भी परिवार को नहीं सौंपा गया। एक तरह से मान लिया जाए तो उसे श्मशान ले जाकर फेंक दिया गया।

इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका दायर
इधर इलाहाबाद हाई कोर्ट में एक याचिका दायर कर अदालत के सामने हाथरस ( Hathras Case CBI ) गैंग रेप पीड़ितों के परिजनों के पेश होने की तारीख को पीछे करने की मांग की गई है, ताकि उन पर बिना किसी दबाव को अपने साथ हुए दर्दनाक हादसे के बारे में बात कर सकें। यह याचिका सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता कुलदीप राय ने दायर की है।
उन्होंने पीड़िता के परिजनों की जान के ख़तरे के मद्देनज़र उनके लिए सुरक्षा की मांग भी की है।
इस पत्र में हाई कोर्ट के पीड़िता के परिजनों को प्रभावित न करने के निर्देश का उल्लंघन करने के लिए ज़िलाधिकारी और अन्य पुलिस अधिकारियों के ख़िलाफ़ अदालत की अवहेलना का मामला चलाने की सिफारिश भी की गई है।
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पुलिस की ओर से जारी बयान में कहा गया है, कि पीड़िता का रेप नहीं हुआ है। पत्र में इस बयान की आलोचना भी की गई है।
राहुल और प्रियंका समेत पांच लोगों को पीड़िता के परिवार से मिलने की मिली इजाजत
हाथरस मामले को लेकर पीड़िता के परिवार से मिलने जा रहे राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को प्रशासन ने अब इजाजत दे दी है।
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक़ उनके साथ पांच लोगों को हाथरस जाने की इजाजत दे दी गई है।
कांग्रेस पार्टी के नेता राहुल गांधी ने कहा है कि दुनिया की कोई ताक़त उन्हें पीड़िता के परिवार से मिलने से नहीं रोक सकती। वे पार्टी मुख्यालय से अपनी बहन और पार्टी की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के साथ हाथरस (Hathras Case CBI) के लिए निकल चुके हैं।

जो वीडियो सामने आये हैं, उनमें प्रियंका गांधी को कार चलाते देखा जा सकता है। जबकि राहुल गांधी अपनी बहन के बगल में बैठे हुए दिख रहे हैं।
धारा-144 लास्मृति ईरानी ने कहा, ‘कांग्रेस को राजनीति चाहिए’गु
उधर, यूपी पुलिस ने दिल्ली-नोएडा सीमा पर पुलिस की भारी संख्या मे तैनाती की है। उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर ज़िले में धारा-144 लगा दी गई है। सीमा पर गंभीरता से चेकिंग की जा रही है। यूपी पुलिस के रुख को देखकर लगता है कि वो कांग्रेस नेताओं को उत्तर प्रदेश में दाख़िल होने देने के मूड में नहीं है।
नोएडा पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी रणविजय सिंह ने कहा है कि COVID19 महामारी के इस दौर में कांग्रेस नेताओं को धारा-144 का उल्लंघन करने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। दिल्ली-नोएडा सीमा पर ग़ैर-क़ानूनी जनसभा को नियंत्रित करने के लिए पुलिस बल तैनात है। हम लगातार शांति की अपील कर रहे हैं। हमारी पूरी कोशिश है कि ये समझ जायें और वापस लौट जायें।
कांग्रेस पार्टी का आरोप है कि ‘यूपी की बीजेपी सरकार ने पीड़िता के परिवार का हक़ छीना है, और उनकी बेटी को जो सम्मानित विदाई मिलनी चाहिए थी, वो भी नहीं दी गई। जबकि उत्तर प्रदेश प्रशासन यह दलील दे रहा है कि ‘जो कुछ हुआ, वो परिवार की मर्ज़ी से हुआ।
स्मृति ईरानी ने कहा, ‘कांग्रेस को राजनीति चाहिए’
हाथरस मामले पर टिप्पणी करते हुए केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कांग्रेस पार्टी की मंशा पर सवाल उठाया है।
स्मृति ईरानी की ओर से हाथरस मामले (Hathras Case CBI) पर यह पहली टिप्पणी है। शुक्रवार को यह सवाल उठा था, कि महिला केंद्रीय मंत्री और महिलाओं के मुद्दों पर मुखर रहीं स्मृति ईरानी ने हाथरस मामले पर कोई टिप्पणी क्यों नहीं की।
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शनिवार को प्रेस से बात करते हुए ईरानी ने कहा कि “जनता यह समझती है कि उनकी (राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी) हाथरस (Hathras Case CBI)की तरफ कूच राजनीति के लिए हैं, पीड़िता के परिवार को इंसाफ़ दिलाने के लिए नहीं।
मीडिया को भी पीड़ित परिवार से मिलने की इजाज़त
अब हाथरस मामले में पुलिस ने मीडिया को पीड़ित परिवार से मिलने की इजाज़त दे दी है। पिछले दो-तीन दिन से हाथरस प्रशासन मीडिया और विपक्ष को पीड़ित परिवार से मिलने नहीं दे रहा था।
इस मामले में गठित विशेष जांच समिति ने अपनी शुरूआती रिपोर्ट के आधार पर इनके निलंबन की सिफ़ारिश की थी। जाँचकर्ताओं ने इस मामले से जुड़े लोगों का यानी अभियुक्तों के साथ-साथ पीड़ित परिवार का भी नार्को टैस्ट करवाने की बात कही है।
14 सितंबर को एक 20 साल की अनुसूचित जाति की लड़की पर हमला हुआ और 29 सितंबर को दिल्ली के सफ़दरजंग अस्पताल में उसने दम तोड़ दिया।
रेप की पुष्टि नहीं: पुलिस
आपको अतादे कि उसके बाद पुलिस ने आधी रात को ही आनन-फानन में उसका अंतिम-संस्कार कर दिया था।
परिवार का कहना है कि उनकी इजाज़त के बिना मृतक लड़की का प्रशासन और पुलिस ने अंतिम संस्कार कर दिया है। उन्हें मृतक की मेडिकल रिपोर्ट भी नहीं दी गई है।

परिवार का आरोप है कि लड़की के साथ गैंगरेप किया गया, जबकि उत्तर प्रदेश के एडीजी ने बताया कि पीड़िता के शरीर से सीमन (वीर्य) के सबूत नहीं मिले।
पहले ये बात सामने आ रही थी कि लड़की की जीभ भी काटी गई लेकिन पुलिस ने इस पर कहा कि हमलावरों ने उसका गला घोंटने की कोशिश की और इसी वजह से उसकी जीभ कट गई।
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